वन फैमिली फाउण्डेशन की स्थापना 15 अगस्त 2024 को सदस्यों का, सदस्यों के लिए, सदस्यों के द्वारा सहयोग हेतु बनाई गयी अखण्ड भारत गणराज्य पहली टीम है। वन फैमिली फाउण्डेशन से जुड़ने के लिए सदस्य स्वेच्छा से समस्त नियम एवं शर्तों से सहमति के उपरांत वेबसाइट माध्यम से रजिस्ट्रे
शन करके जुड़ सकते हैं। https://1familyfoundation.in/
वन फैमिली फाउण्डेशन से जुड़ने हेतु किसी भी प्रकार का सदस्यता शुल्क नही लिया जाता है वन फैमिली फाउण्डेशन में सदस्यता पूरी तरह निःशुल्क है। किसी भी सदस्य को बाध्य करके वन फैमिली फाउण्डेशन से नही जोड़ा जाता बल्कि सदस्य स्वेच्छा से जुड़ते हैं।
वन फैमिली फाउण्डेशन का संचालन वन फैमिली फाउण्डेशन समिति (रजि० 2024009500319 नंबर- ALL / करती है।
मुख्य नियम (सदस्यो हेतु)-
1) वन फैमिली फाउण्डेशन में समाज के वे सभी लोग जिनकी उम्र 18 से 65 वर्ष होगी जुड़ कर सदस्य बन सकते है।
2) वन फैमिली फाउण्डेशन से जुड़ने हेतु आवश्यक सूचना संबंधी फार्म भरकर रजिस्ट्रेशन किया जाना अनिवार्य है साथ ही वन फैमिली फाउण्डेशन का टेलीग्राम पर आधिकारिक ग्रुप बनाया गया है, जिसपर समय समय पर सहयोग या नियम या अन्य महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान की जाती रहती हैं। इसके साथ ही आवश्यकता पड़ने पर महत्वपूर्ण निर्णय लेने संबंधी पोल या विचार सुझाव आदि के दृष्टिगत ग्रुप के सदस्यों को भी विचार रखने और पोल में भाग लेने का अवसर दिया जाता है। यही कारण है कि वन फैमिली फाउण्डेशन का सदस्य बनने के साथ ही महत्वपूर्ण सूचनाओं से अपडेट रहने हेतु टेलीग्राम ग्रुप को सप्ताह में कम से कम 2 बार देखने और अपडेट रहने की भी बाध्यता रखी गयी है। कोई भी सदस्य अगर टेलीग्राम ग्रुप नियमतः नहीं देखता और संबंधित सूचनाएं यदि नहीं प्राप्त कर पाता तो संबंधित सदस्य स्वयं जिम्मेदार होगा। फिर भी प्रयास किया जाता है कि अन्य सोशल मिडिया प्लेटफार्म तथा जनपदीय टीम के माध्यम से भी आवश्यक सूचनाओं का प्रसारण किया जाता है। वन फैमिली
फाउण्डेशन का प्रथम दिवस से नियम है जो सहयोग करेगा, उसे ही सहयोग मिलेगा। वन फैमिली फाउण्डेशन में प्रथम दिवस से सदस्यता पूरी तरह निःशुल्क है, टीम से जुड़ने के लिए कोई शुल्क नही लगता, बस दिवंगत सदस्यो के परिवार को सहयोग ही भेजना जरुरी होता है।
3) बहुत आवश्यक सूचनाओं की जानकारी प्रदान करने हेतु बल्क टेक्स्ट मैसेज सुविधा को प्रारम्भ करने हेतु ट्राई से अनुमति लेने का प्रयास किया जा रहा है।आप बिना किसी अन्य टीम का हिस्सा बने भी किसी का भी सहयोग करने के लिए स्वतंत्र है। किंतु लाभ किसी एक मंच से ही उचित है।
वैसे भी वन फैमिली फाउण्डेशन मदद का मंच है लाभ का नही।
4) वन फैमिली फाउण्डेशन द्वारा हेल्पलाइन नंबर... सदस्यों की सुविधा हेतु जारी किया गया है, जिसपर कॉल व्हाट्सएप्प के माध्यम से जानकारी का आदान प्रदान किया जा सकता है। कोई भी सदस्य इस नम्बर पर कॉल या मैसेज करके सूचना दे/ले सकता है।
5 (A) 15 दिन के लॉक इन पीरियड से तात्पर्य यह है की यदि कोई सदस्य 01 जनवरी को रजिस्ट्रेशन किया, तो यदि उसकी मृत्यु 15 जनवरी की रात 12 बजे तक हो जाती है, तो उसे सहयोग नहीं किया जायेगा साथ ही एक जनवरी से 15 जनवरी तक कोई सहयोग चलता है, तो उसका सहयोग करना भी बाध्यकारी नहीं होगा , मानवता भाव से चाहे तो वह सहयोग कर सकता है, लेकिन उस सहयोग के बदले लॉक इन पीरियड के दौरान मृत्यु होनेपर उसके नॉमिनी द्वारा सहयोग का दावा नहीं किया जा सकेगा। यदि ऐसे सदस्य की मृत्यु सदस्य बनने के 16वे दिन हो जाती है या लॉक इन पीरियड के बाद उसे सहयोग करने मे अवसर मिले बिना ही उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसे वन फैमिली फाउण्डेशन द्वारा सहयोग किया जायेगा क्योंकि उसे सहयोग करने का अवसर नहीं मिला तो उसकी सहयोग करने की निष्ठा को गलत नहीं माना जा सकता इसलिए उसका सहयोग किये जाने का प्रावधान होगा।
5 (C) गम्भीर बीमारी की स्थिति में लॉक इन पीरियड 1 वर्ष ( 15 अगस्त 2024 से) का होगा। यदि किसी सदस्य द्वारा रजिस्ट्रेशन करते समय या बाद में किसी गम्भीर बीमारी के हो जाने पर अपनी प्रोफाइल में दर्ज/अपडेट नही करता है तो तथ्यगोपन की श्रेणी में मानते हुए उसका सहयोग किया जाना सम्भव नही होगा । गम्भीर बीमारियों की श्रेणी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा सूचीबद्ध की गई बीमारियों से मान्य होगी
5 (C.2) गंभीर बीमारी के मामले में टीम अपेक्षा करती है की सभी सदस्य अपनी बीमारी अपनी प्रोफाइल में अपडेट करेंगे अगर किसी कारण से अपडेट नही है तो इसका निर्धारण मृत्यु के कारण के आधार पर किया जाएगा, अगर मृत्यु का कारण बीमारी है तो उसे बीमारी में शामिल किया जाएगा भले ही प्रोफाइल के प्रदर्शित न किया गयाहो। साथ ही वन फैमिली फाउण्डेशन से जुड़ते समय बीमारी की जानकारी थी या नहीं थी यह टीम का विषय नही होगा, ऐसे मामलो में मृत्यु के कारण के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।
उदाहरण
अगर किसी व्यक्ति की किडनी खराब है और वो वन फैमिली फाउण्डेशन से जुड़ता है तो उसके लिए लॉकिंग पीरियड 2 वर्ष का ही होगा। माना की जुड़ने के 6 माह बाद उसकी मृत्यु होती है तो वो अवैधानिक होगा किंतु अगर उसकी मृत्यु मार्ग दुर्घटना के हुई हो तो उसे वैधानिक माना जायेगा क्योंकि मृत्यु बीमारी से न होकर मार्ग दुर्घटना से हुई है।
नोट- गंभीर बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की मृत्यु होने पर अगर मृत्यु का कारण और कुछ दर्शाया जाता है तो उसके पुख्ता प्रमाण देने होंगे अगर टीम उस प्रमाण से संतुष्ट होगी तो ही माना जायेगा अन्यथा बीमारी ही माना जायेगा। इस तरह के मामले में अंतिम निर्णय लेने का अधिकार पूरी तरह से टीम के पास होगा।
उदाहरण- अगर किसी को कैंसर है, या किडनी खराब है और उसका इलाज चल रहा है ऐसी स्थिति में अगर कोई इलाज के दौरान हार्ट अटैक का दावा करता है तो उसको गंभीर बीमारी का ही मामला माना जायेगा। मृत्यु के अलग कारण से मतलब है बिमारी के इलाज के दौरान किसी प्रकार की दुर्घटना आदि से है। (सड़क दुर्घटना, लू लग जाना, नदी में डूब जाना आदि)
5 (D) वन फैमिली फाउण्डेशन कोर टीम सहयोग के आह्वान हेतु अपने स्वविवेक का भी इस्तेमाल करके निर्णय लेने को भी स्वतंत्र होगी, वैधानिकता या किसी भी प्रकार के मामलों में जहां उचित समझेगी अपने स्तर से
परीक्षण करने को स्वतंत्र होगी। कोई भी सदस्य/नॉमिनी सहयोग प्राप्त करने हेतु कानूनी दावा/अधिकार नही कर सकेगा, बल्कि संस्था नैतिकरूप से सहयोग करवाने का प्रयास करेगी।
5 (E) वन फैमिली फाउण्डेशन दिवंगत सदस्यों के एक से अधिक नॉमिनी होने की स्थिति में दूसरे नॉमिनी को सहयोग सुनिश्चित करने हेतु स्वविवेक एवं स्वतः हस्तक्षेप करने को स्वतंत्र होगी, जिसपर लाभार्थी द्वारा किसी भी प्रकार की कानूनी या गैर कानूनी कदम नही उठाया जा सकेगा। लाभार्थी या उसके परिवार द्वारा संस्था के प्रति मिथ्या आरोप लगाने / भ्रम फैलाने / दुष्प्रचार करने या दुर्व्यवहार करने पर सहयोग की गई राशि वापस करवाकर किसी अन्य दिवंगत परिवार को हस्तांतरित करवाने का अधिकार रखती है। ऐसे मामलों में टीम कानूनी कार्यवाही भी करने के लिए स्वतंत्र होगी।
5(F) सहयोग के दौरान या उसके बाद यदि किसी सदस्य द्वारा गलती से अधिक राशि किसी सहयोग हो रहे / हो चुके नामिनी के खाते में भेज दी जाय तो उचित साक्ष्य प्रस्तुत करने पर नामिनी द्वारा वो धनराशि उस सदस्य के खाते में वापस करना पड़ेगा। इस हेतु प्रदेश टीम गारंटी नही ले सकेगी किंतु नियमानुसार गलती से भेजी गई धनराशि को वापस करवाने हेतु सार्थक और पूर्ण प्रयास करेगी।
6) वर्तमान समय में सहयोग प्राप्त करने हेतु सभी सहयोग करना अनिवार्य है। सदस्य बनने के बाद लॉक इन पीरियड की अवधि के उपरांत समस्त सहयोग करने के बाद नियमतः जारी वेबसाइट/गूगल फॉर्म भरते हुए रसीद अपलोड करना अनिवार्य होगा। बिना सहयोग किये या सहयोग करने के बाद गूगल फार्म न भर पाने की स्थिति में सहयोग प्राप्त करने हेतु अर्ह नहीं माना जा सकेगा। क्योंकि वैधानिकता की पुष्टि हेतु सहयोग के बाद फार्म भरना अनिवार्य है
7) यदि किसी सदस्य द्वारा सदस्य बनने के बाद सहयोग नहीं किया गया या बीच में किसी का सहयोग नहीं किया गया तो ऐसी स्थिति में वह वैधानिक सदस्य नहीं होगा। ऐसे सदस्य निम्नलिखित नियमो के तहत अपनी वैधानिकता सक्रिय कर सकेंगे
7 (A) ऐसे सदस्य जो जुड़ने के उपरांत लगातार सहयोग करते आ रहे हैं, अगर 10 सहयोग से पहले (यानी 90% वाली छूट से पूर्व) कोई सहयोग ब्रेक होता है, तो वैधानिकता समाप्त हो जाएगी किंतु एक बार वैधानिकता समाप्त होने पर लगातार 03 सहयोग करके सदस्यता पुनः बहाल की जा सकेगी। उसहयोग पूरा होने तक वह सदस्य सहयोग प्राप्त करने हेतु वैध नही होगा, 3 सहयोग पूरा करते ही वह वैधानिक सदस्य हो जाएगा। लेकिन यह 01 सदस्य को केवल 01 ही बार ऐसा अवसर दिया जायेगा। यहाँ पर यह भी ध्यान देने योग्य होगा कि बीच में केवल 2 सहयोग ही अधिकतम ब्रेक हुआ हो। इससे अधिक सहयोग ब्रेक होने की दशा में नियम 7 (B) लागू होगा। सदस्य द्वारा 10 सहयोग कर देने पर 90% वाला नियम प्रभावी होगा, साथ ही 90% के नियमो के अतिरिक्त ब्रेक होने की स्थिति में नियम 7 (A) और 7 (B) परिस्थितियों के अनुसार लागू होगा।
7 (B) रजिस्ट्रेशन करने के बाद सहयोग न करने वाले सदस्य यदि स्वतः क्रियाशील होकर वैधानिक सदस्य बनकर सहयोग करने की स्थिति में एवं बीच मे 02 से अधिक सहयोग ब्रेक होने की स्थिति में, 05 सहयोग करने के बाद ही सदस्यता बहाल मानी जायेगी, जब तक 05 सहयोग नही किये जाते, बीच मे मृत्यु होने की स्थिति में वह सदस्य अवैधानिक होगा और सहयोग नही प्राप्त कर सकेगा। कोर टीम की विशेष संस्तुति पर लगातार 05 सहयोग करने पर ही सदस्यता बहाल की जा सकेगी। ऐसे मामले में 03 माह का लॉक इन पीरियड भी लागू होगा। (यह जरूरी नही की 3 माह का लॉक इन पीरियड पूरा होने तक 5 सहयोग करने का अवसर आये, 03 माह के लॉक इन पीरियड पूरा करने के बाद 5 सहयोग पूरा करना अनिवार्य होगा।)
7 (C) जो सदस्य किसी कारण से सहयोग नही कर पाए, उनको हमेशा के लिए निकालने से अच्छा एक मौका देना है । यदि कोई नया रजिस्ट्रेशन करता है, तब भी लॉकिंग पीरियड होती है। उसी प्रकार जो अब तक सहयोग नही किया है और अब सहयोग करना चाह रहे है तो लगातार 05 सहयोग और उनके लिए 03 माह का लॉकिग पीरियड होगा । लॉकिंग पीरियड 15 अगस्त 2024 से 90 दिन कर दिया गया है।
7 (D) अगर कोई सदस्य वर्ष में एक बार सहयोग छोड़ देता है तो वह 3 माह का लॉकिंग पीरियड तथा उस बीच के समस्त सहयोग पूरा करके पुनः वैधानिक हो सकता है।
7 (E) अगर कोई सदस्य एक वर्ष के अंतराल में ही 2 या 2 से अधिक बार सहयोग छोड़ता है तो उसे वैधानिक होने के लिए 5 माह का लॉकिंग पीरियड तथा उस बीच के समस्त सहयोग पूर्ण करने होंगे।
7 (F) अगर कोई सदस्य रजिस्ट्रेशन करके या रजिस्ट्रेशन के बाद कुछ सहयोग करके 6 माह या उससे अधिक माह के लिए सहयोग छोड़ देता है तो उसे वैधानिक बनने के लिए 5 माह का लॉकिंग पीरियड तथा उस बीच के समस्त सहयोग पूर्ण करने होंगे।
7 (G) किसी अन्य व्यस्तता, पारिवारिक व्यस्तता, समारोह, कार्यक्रम आदि अन्य स्थितियों स्वयं या पारिवारिक आदि की स्थिति में सहयोग छूट जाने की दशा में दावा मान्य नही होगा, इस हेतु क्रमिक सहयोग करके वैधानिकता बहाल करने की व्यवस्था/ 10 सहयोग के बाद 90% अवसरों में सहयोग की स्थिति सम्बन्धी नियम लागू होगा।
7(H) प्रत्येक सदस्यों को अपने समाजिक कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए सस्था के मूल उद्देश्य हमारा परिवार हमारी जिम्मेदारी योजना के अर्न्तगत सदस्य बनने के 15 दिनो के अन्दर 5 नये सदस्यों को जोडना अनिवार्य होगा।
8 कम से कम 10 सहयोग हो जाने के बाद यह देखा जा सकेगा की किसी सदस्य ने 90% अवसरों पर यानी 10 में से 09 बार कम से कम यदि सहयोग किया है, तो उसे किसी 01 का सहयोग न कर पाने के कारण उसकी सदस्यता न तो निलंबित होगी, न ही उसे सहयोग से इंकार किया जायेगा। बशर्ते सहयोग न कर पाने का वाजिब संतोषजनक कारण हो। इस प्रकार की छूट सहयोगों की कुल संख्या बढ़ने यानी 10 बार 20 बार, 50 बार के साथ साथ विचाराधीन रहेगी और उसके सहयोग के प्रतिशत में 80% से 90% तक विचार किया जा सकेगा। लेकिन 10 सहयोग के बाद ही 90% का नियम अगले संशोधन तक लागू माना जायेगा। 10 सहयोग से पहले 90% अवसके नियम को नही माना जायेगा। तब तक समस्त सहयोग करना अनिवार्य होगा।
90% सहयोग की व्याख्या- अगर किसी ऐसे सदस्य की मृत्यु होती है जो की टीम से लंबे समय से जुड़ा था किंतु कुछ सहयोग के कारण अवैधानिक हो रहा है तो उस समय देखा जायेगा की मृत्यु की तिथि से 2 वर्ष पूर्व के बीच हुए कुल सहयोग का अगर 90% सहयोग किया है तो उसे 90% सहयोग के दायरे के वैधानिक मानते हुए सहयोग किया जाएगा।
8 (A) किसी सदस्य के 10 सहयोग पूरे करने के उपरांत प्रति वर्ष अपरिहार्यं स्थिति में 01 सहयोग न कर पाने की की दशा में केवल 01 छूट दी जा सकेगी, लेकिन पूर्व में उसके द्वारा सदस्य बनने के बाद 10 सहयोग किया गया हो।
8 (B) यदि कोई सदस्य पूर्व में सभी सहयोग कर रहा था और वैधानिक सदस्य था किंतु गतिमान सहयोग के दौरान (सहयोग शुरू होने की तिथि से सहयोग खत्म होने तक) सहयोग तिथि समाप्त होने से पूर्व सहयोग नही किया रहता और उसी दौरान उसकी दुःखद मृत्यु हो जाती है तो वह लाभ का पात्र माना जायेगा क्योंकि यह मानाजायेगा कि वह जीवित होते तो पूर्व की भाँति सहयोग करते। किंतु अगर सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होती है तो गतिमान सहयोग की छूट का लाभ नही दिया जा सकेगा। जैसे- सहयोग शुरू होने के पूर्व या शुरू होने के दिन या गतिमान सहयोग के दौरान कोई सदस्य हॉस्पिटल में भर्ती होता है और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उस स्तिथि में दिवंगत शिक्षक के परिवार को सहयोग किया जा सकेगा। यहां पर यह भी देखा जाएगा कि उस स्थिति में गतिमान सहयोग पूर्ण गया, उस स्थिति में सहयोग करना जरूरी होगा। सहयोग समाप्त हो जाने के बाद मृत्यु होने की स्थिति में सहयोग नही दिया जा सकेगा।यह नियम सिर्फ सदस्य के स्वयं के अपरिहार्य हालात जैसे गम्भीर दुर्घटना/ बीमारी/अस्पताल में होने की स्थिति में ही मान्य होगा।
इसके अलावा जहां तक सहयोग की बात है, तो कोई भी किसी का भी सहयोग कर सकता है। कोई किसी का सहयोगात्मक भाव से गूगल फार्म भर सकता है।
9) सुसाइड या किसी विवादित केस या अन्य केस जो संज्ञान लेने लायक हो, में कोर टीम के पास पड़ताल करके वस्तु स्थिति से अवगत होने के बाद निर्णय लेने का अधिकार होगा। आवश्यकता पड़ने पर वोटिंग या जिला इकाई या सदस्यों की राय भी ली जा सकेगी।
9 (A) वस्तुतः एक से अधिक सदस्य की मृत्यु होने पर उसकी मृत्यु की तिथि के क्रम में ही सहयोग किया जाएगा। किंतु यदि किन्ही दो या अधिक सदस्यों की मृत्यु एक ही तिथि में होती है तो ऐसी स्थिति में उस सदस्य का सहयोग पहले किया जाएगा जिसके सहयोग करने का प्रतिशत/एवरेज अधिक होगा। उसके बाद अन्य का। उपरोक्त प्रकरणों में किसी विशेष परिस्थिति जैसे स्थलीय निरीक्षण न हो पाना, कुछ तकनीकी कमी आदि मामलों मेंकोर टीम सहयोग के क्रम का निर्णय अपने विवेकानुसार ले सकेगी।
9 (B) नॉमिनी सम्बन्धी विवाद की स्थिति में प्रदेश / कोर टीम परीक्षणोपरांत निर्णय लेने और सहयोग करवाने हेतु स्वतंत्र होगी।
10) उपरोक्त नियमो से इतर हटकर न किसी का सहयोग किया जा सकेगा जा सकेगा न ही किसी का सहयोग रद्द किया जा सकेगा।
10 (A) अनुशासन हीनता, वन फैमिली फाउण्डेशन विरोधी गतिबिधि या किसी प्रकार की साजिश करने वालो के विरुद्ध कोर टीम के पास निर्णय लेने का अधिकार होगा। कोई भी वन फैमिली फाउण्डेशन के साथ साथ अन्य समान प्रकार के संघो टीम में सदस्य के रुप में रह सकता है, किंतु किसी अन्य सम विषयक टीम के पदाधिकारी के रूप में कोई सदस्य वन फैमिली फाउण्डेशन का वैध मेम्बर प्रथम दृष्टया नही होगा (इस प्रकरण पर कोर टीम निर्णय लेने हेतु स्वतंत्र होगी) कोई भी व्यक्ति / सदस्य या अन्य वन फैमिली फाउण्डेशन / समिति के खिलाफ दुष्प्रचार या अफवाह फैलाता है, बिना सबूत या आंकड़े प्रस्तुत किये आरोप लगाता है तो टीमरों पर सहयोग